पेगासस मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
इजरायली स्पाईवेयर पेगासस के कथित • इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की गई है, जिसमें अदालत से न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर का संज्ञान लेते हुए 2017 में हुए भारत-इजरायल रक्षा सौदे की जांच का आदेश देने का अनुरोध किया गया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में दावा किया गया है कि भारत ने इजराइल के साथ 2017 में दो अरब अमेरिकी डॉलर के रक्षा सौदे के तहत पेगासस स्पाइवेयर खरीदा था समाचार पत्र के इस दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार अवैध जासूसी में लिप्त है, जो देशद्रोह के समान है। पेगासस के संबंध में शीर्ष अदालत के समक्ष मूल याचिकाएं दाखिल करने वालों में शामिल अधिवक्ता एम. एल. शर्मा ने यह याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि सौदे को संसद की मंजूरी नहीं मिली थी लिहाजा इसे रद्द करके धनराशि वसूल की जानी चाहिए।
अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्रः लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस मुद्दे पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की है। कांग्रेस नेता ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा। चौधरी ने कहा कि सरकार ने सदन में हमेशा यही कहा कि उसका पेगासस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। सरकार ने एनएसओ समूह से कभी यह स्पाईवेयर नहीं खरीदा।
रिपोर्ट का संज्ञान लें: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने रविवार को न्यायमूर्ति आर वी रवींद्रन समिति से भारत द्वारा पेगासस स्पाईवेयर की खरीद के बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में किए गए चौंकाने वाले दावों का संज्ञान लेने और सरकार और मंत्रालयों से जवाब मांगने का आग्रह किया। न्यायमूर्ति रवींद्रन को लिखे अपने पत्र में गिल्ड ने आग्रह किया कि जांच समिति की कार्यवाही को जनता के लिए खुला रखा जाए।