गोल्डन कार्ड पर विकल्प मांगने पर भड़के पेंशनर्स
सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर्स संगठन ने सरकार की ओर से गोल्डन कार्ड पर विकल्प मांगने का विरोध किया। संगठन की बैठक में सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट की अवमानना करार दिया। संगठन ने विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले सभी मांग पूरी किए जाने का दबाव बनाया।
संगठन की बुधवार को परेड ग्राउंड में बैठक हुई। बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि हाईकोर्ट ने पेंशनर्स से गोल्डन कार्ड योजना में पेंशन से वसूली से रोक लगा दी है। इस पर 12 फरवरी को हाईकोर्ट में अगली सुनवाई होनी है। इस सुनवाई से पहले सरकार पेंशनर्स से विकल्प भरवा रही है। विकल्प भरवाने का विरोध किया गया। कहा गया कि जब कोर्ट ने विकल्प भरवाने जैसी किसी प्रक्रिया को शुरू करने के आदेश ही नहीं दिए तो सरकार क्यों विकल्प भरवा रही है। ये सीधे तौर पर न्यायालय की अवमानना है अभी तक सरकार ने 25 दिसंबर 2021 के आदेशानुसार तय सुविधाओं का लाभ भी नहीं दिया है।
एसजीएचएस के तहत केंद्र सरकार के रेट परलाभ नहीं दिया जा रहा है। बड़े प्राइवेट अस्पताल इम्पैनल्ड नहीं किए गए हैं। यूपी की तरह फ्री ओपीडी का लाभ नहीं दिया जा रहा है। बैठक में दबाव बनाया गया कि सरकार विकल्प भरवाना बंद करे। कहा कि सरकार ये नहीं बता रही है कि विकल्प के रूप में पेंशनर्स के पास दूसरी क्या सुविधा रहेगी।
अटल आयुष्मान योजना से पहले ही पेंशनर्स को बाहर कर रखा है। ऐसे में सरकार हर हाल में चुनाव से पहले सुविधाओं से जुड़े विधिवत आदेश जारी करे। ऐसा न होने की स्थिति में प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष पीडी गुप्ता, महामंत्री गिरीश चंद्र भट्ट, सचिव रमेंद्र सिंह पुंडीर, वीरेंद्र सिंह कृषाली, टीवी भटनागर, राजेंद्र सिंह बिरोरिया, मोहन सिंह रावत, जीडी शर्मा, कृष्ण अवतार शर्मा, श्याम जी यादव, राम स्वरूप सिंह, वेद किशोर शर्मा, एमएस गोसाई, बीड़ी शर्मा, सीके वर्मा, लक्ष्मी डोभाल, कन्हैया लाल तिवारी, जयनारायण अग्रवाल, सीके वर्मा, वर्चुअल तरीके से पीवी जोशी, प्रेम सिंह गुसाईं, कुसुम शर्मा, गुलशन कुमार मौजूद रहे।