वक्फ संशोधन बिल पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया: “अब वंचितों को मिलेगा न्याय, जिन्हें दशकों तक नजरअंदाज़ किया गया”

वक्फ संशोधन विधेयक पर पीएम मोदी की बड़ी प्रतिक्रिया: “पारदर्शिता, न्याय और समानता की दिशा में ऐतिहासिक कदम”
संसद से वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे सामाजिक-आर्थिक न्याय और पारदर्शिता की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया। पीएम मोदी ने कहा, “यह विधेयक उन लाखों लोगों को सशक्त करेगा, जिन्हें दशकों से हाशिये पर रखा गया था। अब उन्हें न केवल आवाज मिलेगी, बल्कि उनके अधिकारों की रक्षा भी सुनिश्चित होगी।”
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा, “वक्फ व्यवस्था दशकों से पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का प्रतीक रही है, जिससे गरीब मुसलमानों, पसमांदा समुदायों और मुस्लिम महिलाओं को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा। संसद द्वारा पारित नया कानून पारदर्शिता बढ़ाएगा और हर वर्ग को न्याय दिलाने का काम करेगा।”
राज्यसभा और लोकसभा से मिली मंजूरी
राज्यसभा में 3 अप्रैल को 13 घंटे की लंबी बहस के बाद देर रात 2:30 बजे इस विधेयक को मंजूरी दी गई। इससे पहले, 2 अप्रैल की रात लोकसभा ने भी इसे बहुमत से पारित कर दिया था, जहां 288 वोट विधेयक के पक्ष में और 232 विरोध में पड़े। इस दौरान सदन में 12 घंटे से अधिक समय तक तीखी बहस हुई और विपक्ष के सभी संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज कर दिए गए।
अब यह विधेयक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा और उनके अनुमोदन के बाद इसे अधिसूचित कर कानून का रूप दिया जाएगा।
क्या बदलेगा इस नए कानून से?
- वक्फ संपत्तियों की बेहतर निगरानी और प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
- मुस्लिम महिलाओं और गरीब मुसलमानों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकेगा।
- पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी, जिससे धोखाधड़ी और अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
- जरूरतमंद समुदायों को समावेशी विकास का लाभ मिलेगा।
विधेयक के पारित होने के बाद यह स्पष्ट है कि सरकार वक्फ प्रबंधन में सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कदम लंबे समय से उपेक्षित समुदायों को सशक्त बनाने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित होगा।