You dont have javascript enabled! Please enable it! Primary Teacher Recruitment Will Be Heard In The Supreme Court, Hanging For The Last Three Years
December 22, 2024

Big breaking :-प्राथमिक शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, पिछले तीन साल से है लटकी

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Uttarakhand News: प्राथमिक शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, पिछले तीन साल से है लटकीशासन ने 15 नवंबर 2021 को एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को इस भर्ती में शामिल करने का आदेश किया था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। इससे नाराज अभ्यर्थी सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे।

प्राथमिक शिक्षक भर्ती के मामले की कल एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। पूर्व में हाईकोर्ट ने एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश किया था। इस फैसले के खिलाफ पहले बीएड अभ्यर्थी और फिर सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। लगभग दो लाख से अधिक बेरोजगारों की इस फैसले पर नजर है।शिक्षा विभाग में 2600 से अधिक पदों पर होने वाली भर्ती पिछले तीन साल से लटकी है।

शासन ने 15 नवंबर 2021 को एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को इस भर्ती में शामिल करने का आदेश किया था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। इससे नाराज अभ्यर्थी सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे।

हाईकोर्ट से एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला आने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। 30 जून 2023 को शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए शिक्षा निदेशक को सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिए जाने के निर्देश दिए थे। शासन की ओर से दिए गए आदेश में कहा गया कि स्कूलों में शिक्षक न होने की वजह से छात्र-छात्राओं के भविष्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

इन अभ्यर्थियों की फैसले पर है नजर

उत्तराखंड में एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों की संख्या करीब 37000 है। वहीं, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से हर साल 650 अभ्यर्थी दो साल का डीएलएड कोर्स कर निकल रहे हैं, जबकि डेढ़ लाख बीएड अभ्यर्थी हैं।इन अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है याचिका

नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरिद्वार निवासी बीएड अभ्यर्थियों जयवीर सिंह, प्रियंका रानी, उमेश कुमारी, पंकज कुमार सैनी सुप्रीम कोर्ट गए हैं। याचिकाकर्ता प्रियंका रानी का कहना है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सालिसिटर जनरल से पैरवी करवानी चाहिए।

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