राज्य में आरटीई के तहत निजी स्कूलों को मिलेगी ज्यादा फीस
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई ऐक्ट) के तहत निजी स्कूलों को दी जाने वाली प्रति छात्र फीस में इजाफा होने जा रहा है। सरकार ने वर्तमान फीस की अधिकतम सीमा को 1383 रुपये से बढ़ाकर 1867 रुपये करने पर सहमति दी है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद गठित वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे चुकी है। सूत्रों के अनुसार फीस ढांचा तय करने के लिए प्रदेश के हर जिले के निजी स्कूलों की फीस का भी तुलनात्मक अध्ययन किया गया। हल्द्वानी के एक प्राइवेट स्कूल की फीस सर्वाधिक 2600 रुपये प्रति माह और रुद्रप्रयाग में सबसे कम 277 रुपये पाई गई।
आरटीई मानक
वर्ष 2011-12 में 9.86 लाख छात्र संख्या और शिक्षकों के वेतन पर खर्च होने वाले 16 अरब रुपये के हिसाब से प्रति छात्र खर्च 1383 रुपये तय था। वर्ष 2020 में छह लाख छात्र और शिक्षक वेतन खर्च 35 अरब होने से यह प्रति छात्र 4266 रुपये प्रति माह बैठता है।
सरकारी फार्मूला
वित्तीय कमेटी ने कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स्क के आधार पर 2012 और वर्ष 2020 में महंगाई 38% बढ़ने का आंकलन किया। इस आधार पर प्रति छात्र फीस मानक 524 रुपये बढ़ाना सही पाया गया। राज्य में 3437 निजी स्कूलों में 92994 छात्र पढ़ रहे हैं।