जहां एक ओर रुद्रप्रयाग जिले में रेल परियोजना का काम जोरों शोरों से चल रहा है वहीं दूसरी ओर नरकोटा गांव के ग्रामीण दहशत में जिंदगी जी रहे हैं। विकास हो तो रहा है मगर उसी विकास के बीच लोगों की जिंदगी दांव पर लग चुकी है। जिले में रेल परियोजना से प्रभावित नरकोटा गांव के ग्रामीणों का कहना है कि सरकार के इस परियोजना ने पूरे गांव का तहस नहस कर दिया है और ग्रामीण दहशत में जिंदगी जीने पर मजबूर हैं। रेल परियोजना में टनल निर्माण से कई आवासीय भवनों पर बड़ी दरारे पड़ गई हैं और पीड़ित परिवार खौफ में जिंदगी गुजार रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन पीड़ित परिवारों की परेशानी को अनदेखा कर रहे हैं और इस वजह से वहां के ग्रामीणों के बीच में भारी आक्रोश साफ झलक रहा है। बीते मंगलवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने परियोजना का कार्य रोक दिया।
उनका कहना है रेल परियोजना के तहत टनल निर्माण के दौरान उनके आवास पूरी तरह हिल गए हैं और उनमें बड़ी दरारें पड़ गई हैं जिस वजह से मकान खतरे की जद में आ गए हैं और मकानों के गिरने का खतरा भी मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि रेल परियोजना विकास के लिए तो बेहद जरूरी है मगर इस परियोजना के निर्माण से पूरा गांव तबाह हो चुका है और ग्रामीणों की जिंदगी भर की कमाई से बने उनके आवासीय भवन ध्वस्त होने के कगार पर हैं। जनता का कहना है कि विकास के नाम पर किया जाने वाला यह भद्दा मजाक हमारे साथ एक अन्याय है और सभी ग्रामीण इसका विरोध करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण इस तरह से किया जाए जिससे ग्रामीणों को कोई भी नुकसान ना पहुंचे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरकार और प्रशासन उनकी परेशानियों को अनदेखा कर रहे हैं। बीते मंगलवार को परियोजना का कार्य रोकने के बाद ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया और विरोध की चेतावनी दी बेहद मुश्किल से समझा-बुझाकर एक बार फिर से परियोजना का काम शुरू हो सका। ग्रामीणों ने यह साफ चेतावनी दी है कि अगर उनके मकानों को कुछ भी हुआ या उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हुआ तो ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।