सरकारी दौरे पर संस्कृत शिक्षा सचिव, शासन ने हटाया
*संस्कृत शिक्षा सचिव के दौरे की जानकारी शासन को नहीं *प्रभारी सचिव एसएन पांडेय को सौंपा विभाग
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों के निरीक्षण को फील्ड विजिट कर रहे विभागीय सचिव विनोद रतूड़ी को हटाने के सरकार के फैसले को लेकर इंटरनेट मीडिया पर चर्चाएं तैर रही हैं। बीती 24 दिसंबर को मंत्रिमंडल की बैठक में उपस्थित नहीं रहने पर उन्हें उसी दिन विभाग के दायित्व से मुक्त कर दिया गया था।
शासन ने उनके स्थान पर प्रभारी सचिव सुरेंद्र नारायण पांडेय को संस्कृत शिक्षा की जिम्मेदारी दी है। मंत्रिमंडल की बैठक में संस्कृत शिक्षा से संबंधित विषय रखा गया था। मंत्रिमंडल में संस्कृत शिक्षा से जुड़े अशासकीय विद्यालयों के लिए विनियमों को मंजूरी तो दी, लेकिन विभागीय सचिव विनोद रतूड़ी इस मौके पर अनुपस्थित थे।
उनकी गैर मौजूदगी में मंत्रिमंडल ने विनियमों को सैद्धांतिक मंजूरी तो दी, लेकिन इस पर फैसला लेने को मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री को अधिकृत किया। अब विनियम पर अंतिम फैसला उच्च स्तर से होना है। बताया गया कि बैठक में विभागीय सचिव के अनुपस्थित होने की वजह किसी को पता नहीं रही। कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने विनोद रतूड़ी से विभाग की जिम्मेदारी हटाने की पुष्टि की थी। मंत्रिमंडल की नाराजगी को देखते हुए शासन ने उन्हें विभाग से हटाने के आदेश जारी किए।
अब यह जानकारी सामने आई है कि सचिव विनोद रतूड़ी संस्कृत विद्यालयों के निरीक्षण के सिलसिले में 10 दिनी सरकारी दौरे पर थे । हालांकि मुख्य सचिव और विभागीय मंत्री को भी उनके दौरे पर होने की जानकारी न होना कई सवाल भी खड़े कर रहा है। इससे इंटरनेट मीडिया पर कई तरह की चर्चाएं जोरों पर हैं। उधर, संपर्क करने पर कार्मिक सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि विनोद रतूड़ी का विभाग से तबादला रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा है।