उत्तराखंड में रोपवे और सड़क संपर्क की उम्मीदें लाया बजट
केंद्रीय बजट से प्रदेश में कई क्षेत्रों में फायदा मिलने की हैं संभावनाएं
देहरादून केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट हिमालयी राज्य उत्तराखंड के लिए थोड़ी उम्मीद जगाता दिख रहा है आम बजट में राज्यों को 50 वर्ष के लिए व्याज मुक्त ऋण के रूप में एक लाख करोड़ के आवंटन की व्यवस्था की गई है।
जानकारों का मानना है कि इससे राज्य में पूंजीगत व्यय और परिसंपत्तियों के निर्माण में मदद मिलेगी। प्रदेश को अवस्थापना विकास से जुड़ी परियोजनाओं के लिए ऋण लेने पर ब्याज के बोझ से छुटकारा मिलेगा। वहीं, ॠण लेने की सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद भी है। गंगा किनारे गांवों में जैविक खेती को बढ़ावा देने की योजना का भी लाभ मिलेगा। आयकर में राहत न मिलने से नौकरी पेशा लोगों की उम्मीदें टूटी हैं तो नई पेंशन योजना से जुड़े कर्मियों को राहत मिली है।
सीमा पर सड़कों के विस्तार से होगा विकास
उत्तराखंड सरकार में आर्थिक सलाहकार रहे आलोक भट्ट के मुताबिक, हिमालय क्षेत्र के लिए पर्वतमाला योजना का लाभ उत्तराखंड के सीमांत इलाकों को भी मिलेगा और सरहद पर सड़क अवस्थापना का विस्तार हो सकेगा। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के बजट में बढ़ोतरी का लाभ भी उत्तराखंड राज्य की ग्रामीण कनेक्टिविटी में विस्तार को मिलेगा। सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम में भी बजट बढ़ाकर 22 करोड़ से 566 करोड़ किया गया है, जिसका लाभ राज्य के सीमांत गांवों को मिलेगा।
रोपवे कनेक्टिविटी और अवस्थापना विकास
उत्तराखंड राज्य में लंबे समय से रोपवे कनेक्टिविटी की मांग हो रही है। भौगोलिक कठिनाइयों और पर्यावरणीय चुनीतियों की वजह से राज्य के हर गांव तक सड़क पहुंचाना मुमकिन नहीं है। कई सैरगाहें और धार्मिक स्थल सैलानियों की सहज पहुंच से इसलिए दूर हैं कि इन तक पहुंचने के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता है। सीआईआई के उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष अभिमन्यु मुंजाल कहते हैं, राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम पहाड़ी राज्यों में कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। राज्य में केंद्र सरकार ने चार रोपवे को मंजूरी दी है, जिसमें केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट भी शामिल है। अब राज्य में संचालित रोपवे परियोजना को मजबूती मिलने की उम्मीद है।