समन्वय समिति ने की तबादलों की जांच की मांग
आयोग से चुनाव ड्यूटी में कोविड से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की गुजारिश
देहरादून। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने प्रदेश में आचार संहिता के दौरान हुए तबादलों की जांच की मांग की है। साथ ही चुनाव आयोग से यह भी गुजारिश की है कि जो कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगें, उन्हें पीपीई किट से लेकर कोविड से बचाव के सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
सोमवार को समन्वय समिति की बैठक सद्भावना भवन यमुना कालोनी में हुई बैठक में मुख्यमंत्री के आश्वासन के अनुसार 10, 16 एवं 26 वर्ष की सेवा पर एसीपी के अंतर्गत पदोन्नत वेतनमान अनुमन्य करने, वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट शासन व सरकार को प्रस्तुत न करने पर रोष जताया गया। बैठक में कहा गया कि वेतन विसंगति समिति के गठन के समय जो आशंका व्यक्त की गई थी, वह सच साबित हुई समिति का गठन मात्र मुद्दों को टालने के लिए किया गया था।
बैठक में मांग को गई कि निर्वाचन आयोग से किए जा रहे तबादलों की जांच की मांग की जाएगी। उन्हें निरस्त करने की मांग की जाएगी। आयोग से यह भी मांग की जाएगी कि विधानसभा चुनाव में तैनात होने वाले कामिकों को कोविड-19 से सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण जैसे पीपीई किट, फेसशील्ड दास्तानें, मास्क एवं सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही कोविड के तहत दस लाख का बीमा कवर भी दिया जाए। निर्वाचन में तैनाती करते समय को मारविड श्रेणी के और 55 वर्ष से अधिक आयु के कार्मिकों को तैनाती से वंचित रखा जाए प्रस्ताव पारित किया गया कि वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष से मिलकर जल्द वेतन विसंगति की रिपोर्ट शासन व सरकार को प्रस्तुतः करने की मांग की जाएगी।
समन्वय समिति और उसके परिसंघों के साथ विभिन्न बैठकों में बनी सहमति के बिंदुओं पर आयोग की अनुमति लेकर शासनादेश जारी किया जाए। बैठक में अरुण पांडेय, सुनील कोठारी, शक्ति प्रसाद भट्ट, पूर्णानंद नौटियाल, एचसी नौटियाल, पंचम विष्ट, बीएस रावत, टीएस विष्ट, विक्रम सिंह नेगी, दिनेश गुसाई, संदीप मौर्या, निशंक सरोही, चौधरी ओमबीर सिंह आदि कर्मचारी नेता शामिल थे।