एक 15 वर्षीय बालिका जो अपनी मां के डांटने पर घर से बिना बताए कहीं चली गई थी। जिसके सम्बन्ध में परिजनों द्वारा कोतवाली-ज्वालापुर, जनपद हरिद्वार में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। जिस पर पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए लगभग 2000 सीसीटीवी फुटेज खंगाले गये। उक्त नाबालिका के खोजबीन के हर संभव प्रयास किया जा रहे थे। लगभग कुछ दिनों बाद नाबालिक सदमें की स्थिती में अपने रिश्तेदारों को बस स्टैंड पर मिली जो कुछ भी जनकारी देने में असमर्थ थी।
जिस कारण परिजनों द्वारा डीजीपी महोदय को इसकी जानकारी दी गई व नाबालिक की इस स्थिती का पता लगाने के लिए सर से प्रार्थना की गई। डीजीपी सर द्वारा उक्त प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए हरिद्वार पुलिस को तत्काल कार्यवाही के आदेश दिए गये। नाबालिक से पूछताछ की गई तो नाबालिक ने दिमाग पर जोर डालते हुए इसरार और कादिर का नाम बताया। जिसके आधार पर पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से कादिर का फोटो नाबालिक को दिखाया जिसे देखते ही बालिका पहचान गई। उक्त जानकारी के आधार पर पुलिस टीम तत्काल सहारनपुर रवाना हुई जहां से चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।