अकेले कार चलाते समय भी मास्क लगाने का आदेश बेतुका
* हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा, अब तक लागू क्यों है यह नियम * न्यायमूर्ति सांघी ने कहा कि वह केवल इस मुद्दे पर तभी विचार कर सकते हैं, जब आदेश उसके सामने लाया जाएगा। अगर वह आदेश खराब है तो आप उसे वापस क्यों नहीं ले लेते।
नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने कोरोना के दौरान अकेले कार चलाते समय मास्क लगाने के दिल्ली सरकार के आदेश को बेतुका करार दिया है।
कोर्ट ने सरकार से कहा कि यह बेतुका फैसला अब तक लागू क्यों है? यह दिल्ली सरकार का आदेश है, आप इसे वापस क्यों नहीं ले लेते हैं। यह क्या बात है कि आप अपनी ही कार में अकेले बैठे हैं और आपको मास्क भी लगाना है।
न्यायमूर्ति जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, आप इस मुद्दे पर सरकार से जवाब लेकर इसे स्पष्ट करें।
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कोर्ट में एक घटना का जिक्र किया, जिसमें मास्क नहीं पहनने के कारण एक व्यक्ति का चालान किया गया था। दरअसल, वह व्यक्ति मां के साथ एक कार में था और कॉफी पी रहा था। उस समय खिड़की का शीशा भी बंद था।
दिल्ली सरकार ने ही पारित किया था आदेश वकील ने कहा, कार में अकेले बैठे व्यक्ति से भी 2,000 रुपये का चालान किया जा रहा था। एकल न्यायाधीश का आदेश बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्होंने कहा, जब दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आदेश पारित किया था, तो स्थिति अलग थी और अब महामारी लगभग खत्म हो गई है।
इस पर पीठ ने कहा, प्रारंभिक आदेश तो दिल्ली सरकार ने ही पारित किया था, जिसे तब एकल न्यायाधीश के समक्ष चुनौती दी गई थी। मेहरा ने कहा, यह दिल्ली या केंद्र सरकार जिस किसी का आदेश है, अनुचित है। इस पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। खंडपीठ को आदेश को रद्द करना चाहिए।