उत्तराखंड के 14 शहरों एक समान टैक्स प्रणाली होगी लागू
पहले चरण में चार शहरों में अंतिम दौर पर पहुंचा जीआईएस सर्वे का काम
देहरादून। उत्तराखंड के 14 शहरों में एक समान टैक्स प्रणाली लागू होने जा रही है। इसकी कवायद शहरी विकास निदेशालय ने शुरू कर दी है। पहले चरण में देहरादून सहित चार शहरों में जीआईएस मैपिंग का काम पूरा होने जा रहा है। इसके बाद अन्य 10 शहरों में शुरुआत होगी। दूसरे चरण में सभी नगर पंचायतों में जीआईएस मैपिंग शुरू होगी। इससे भविष्य में प्रदेशभर में एक समान टैक्स प्रणाली लागू हो जाएगी।
हैदराबाद और शिमला जैसे शहरों की तर्ज पर उत्तराखंड में भी प्रॉपर्टी कीजीआईएस यानी जियोग्राफिक इंफारमेशन सिस्टम मैपिंग शुरू हो चुकी है। पहले चरण के तहत चार शहरों देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी और रुद्रपुर में मैपिंग अंतिम दौर में है। यहां कुछ कैंट एरिया में सर्वे होना बाकी है। इसके बाद पहले चरण में 10 और शहरों की जीआईएस मैपिंग होगी, जिसमें सभी निगम और जिला मुख्यालयों की पालिकाएं (जैसे पिथौरागढ़, अल्मोड़ा) भी शामिल हैं। मैपिंग से न सिर्फ भवनों की लोकेशन पता चलेगी बल्कि अवैध निर्माण और प्रॉपर्टी टैक्स चुराने वालों की भी जानकारी मिल जाएगी। इसमें सरकारी भूमि पर होने वाले कब्जों का भी पता लग सकेगा।
एक प्रदेश, अलग-अलग टैक्स निर्धारण प्रणाली
प्रदेश में अभी प्रापर्टी टैक्स निर्धारण की अलग-अलग प्रणालियां हैं। दून सहित बड़े निकाय जहां स्वकर निर्धारण की प्रणाली अपना चुके हैं। वहीं, अन्य निकाय कारपेट एरिया से टैक्स वसूल रहे हैं। बावजूद इसके किसी भी निकाय में हाउस टैक्स की वसूली उम्मीदों के मुताबिक नहीं हो पा रही है। जबकि प्रापर्टी टैक्स निकायों की कमाई का अहम आधार है। टैक्स निर्धारण की वर्तमान प्रणाली के तहत इसमें बड़े पैमाने पर राजनीतिक हस्तक्षेप भी होता है, लेकिन पूरी प्रक्रिया तकनीकी आधारित होगी तो इसमें छेड़छाड़ संभव नहीं होगी।