उपनल कर्मियों को नहीं मिला प्रोत्साहन भत्ता
सैनिक कल्याण विभाग के कच्चे होमवर्क की वजह से उपनल कर्मियों को हर माह • प्रोत्साहन भत्ता देने का फैसला अटक गया। आदेश तो कर दिया लेकिन इसमें ईएसआई कटौती को भूल गए। नतीजा यह है कि कर्मियों को न तो जनवरी का ही प्रोत्साहन भत्ता मिला और आदेश संशोधित होने तक आगे भी मिलना मुश्किल है।
व्यवस्था:कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए उनके मानदेय से करीब चार प्रतिशत राशि ईएसआई के रूप में कटौती होती है। यह कटौती मासिक वेतन मानदेय पर होती है। तीन महीने और इससे अधिक अवधि पर दिए जाने वाले प्रोत्साहन भत्ता, बोनस आदि पर यह कटौती लागू नहीं होती। सरकार ने 10 साल से कम नौकरी वाले कार्मिकों का भता बढ़ाकर 4800 और 10 साल से अधिक सेवा वालों का प्रोत्साहन भता 5800 रुपये कर दिया।
छह जनवरी को प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण ने हर महीने प्रोत्साहन भत्ता देने की व्यवस्था लागू कर दी। ईएसआई के चार प्रतिशत में 3.25 प्रतिशत अंश मुख्य नियोक्ता का अदा करना होता है। बाकी पौन प्रतिशत कर्मचारी को। भत्ते की राशि तो सरकार ने बढ़ा दी लेकिन ईएसआई कटौती की राशि के बारे में तय नहीं किया। यदि उपनल ईएसआई का चार फीसदी अदा नहीं करता तो भविष्य में बड़े जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
समाधान:बिना प्रोत्साहन राशि के वेतन मिलने पर कर्मचारियों ने उपनल प्रबंधन से आपत्ति करना शुरू किया है। इसका समाधान निकालने के लिए उपनल प्रबंधन ईएसआई अधिकारियों के साथ दो बार बैठकें कर चुका है। ईएसआई ने साफ कह दिया है कि मानक के अनुसार प्रति माह के मानदेय पर चार प्रतिशत कटौती होनी ही है। इस राशि पर कोई रियायत नहीं दी जा सकती। उपनल ने नए सिरे से सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इसके तहत उपनल कर्मियों के मुख्य नियोक्ता के लिए कुल मानदेय पर पौने चार प्रतिशत राशि अतिरिक्त और देने के लिए कहा जाएगा।
यह समस्या सामने आई है निकाला जा रहा है। उपनल ने शासन को नया प्रस्ताव बनाकर भेजा है। शासन स्तर से नया संशोधित आदेश जारी होने पर समाधान हो जाएगा। -बिगेडियर पीपीएस पाहवा (रि), एमडी- उपनल