उत्तराखंड ने 16वें वित्त आयोग के सामने रखी ये बड़ी मांगें! 🏔️💰

देहरादून में 16वें वित्त आयोग की बैठक हुई, जहां राज्य के जनप्रतिनिधियों ने वित्तीय आवंटन बढ़ाने की जोरदार पैरवी की। नगर निकायों, पंचायतों और राजनीतिक दलों ने आयोग के सामने राज्य की विशेष जरूरतों को रखा। आइए जानते हैं क्या हैं उत्तराखंड की मुख्य मांगें!
1. नगर निकायों ने स्वच्छता और पर्यटन के लिए मांगा अतिरिक्त बजट 🏙️🗑️
- देहरादून मेयर सौरभ थपलियाल ने शहर को एजुकेशन हब और पर्यटन केंद्र बनाने के लिए अधिक संसाधनों की मांग की।
- रुद्रपुर मेयर विकास शर्मा ने कहा कि 50,000 फ्लोटिंग पॉपुलेशन और 2.5 लाख टन कचरे के निस्तारण के लिए फंड चाहिए।
- अल्मोड़ा मेयर अजय वर्मा ने हैरिटेज सिटी के रूप में विकास के लिए सहायता मांगी।
- हरिद्वार मेयर किरण जैसल ने तीर्थाटन के लिए विशेष बजट की अपील की।
- मसूरी पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी ने पार्किंग और ग्रीन बोनस पर जोर दिया।
🗣️ मांग: सीवरेज, स्वच्छता, पार्किंग और पर्यटन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अतिरिक्त फंड।
2. पंचायतों ने क्षेत्रफल के आधार पर फंड की मांग की 🏡🌄
- देहरादून जिला पंचायत प्रशासक मधु चौहान ने ग्रामीण स्वच्छता के लिए बजट बढ़ाने की बात कही।
- पिथौरागढ़ की दीपिका बोरा ने आपदा प्रबंधन के लिए अलग फंड की मांग की।
- जयहरीखाल ब्लॉक के दीपक भंडारी ने बताया कि कई पंचायतों को सालाना सिर्फ ₹5 लाख मिलता है, जो नाकाफी है।
- पंचायती राज सचिव ने कहा कि 89% ग्राम पंचायतों की आबादी 500 से कम है, इसलिए फंड बढ़ना जरूरी है।
🗣️ मांग: पहाड़ी क्षेत्रों में निर्माण लागत ज्यादा होने के कारण बजट आवंटन बढ़ाया जाए।
3. राजनीतिक दलों ने ग्रीन बोनस और आपदा प्रबंधन पर जोर दिया 🌿⚠️
- भाजपा विधायक विनोद चमोली ने पलायन रोकने के लिए टेलीमेडिसिन और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की मांग की। साथ ही कार्बन क्रेडिट देने की अपील की।
- कांग्रेस के सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि हिमालयी राज्य होने के नाते उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन और नदी संरक्षण के लिए अतिरिक्त फंड मिलना चाहिए।
- सीपीआई (एम) के राजेंद्र पुरोहित ने मनरेगा दरें बढ़ाने और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने की बात कही।
- आप के विशाल चौधरी ने राज्य के लिए विशेष पैकेज की मांग की।
🗣️ मांग: पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन और ग्रामीण विकास के लिए विशेष आवंटन।
निष्कर्ष: क्या मिलेगा उत्तराखंड को? 🤔💡
16वें वित्त आयोग के समक्ष उत्तराखंड ने अपनी भौगोलिक और सामाजिक चुनौतियों को रखा। अब देखना है कि केंद्र सरकार राज्य की इन मांगों पर कितना ध्यान देती है। अगर ये मांगें मान ली गईं, तो उत्तराखंड के शहरी विकास, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरण संरक्षण को बड़ा बढ़ावा मिलेगा!
📢 आपकी राय? क्या उत्तराखंड को अधिक वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए? कमेंट में बताएं! ⬇️