अब बिना लाइसेंस के नहीं होगा फल-सब्जी कारोबार
अधिसूचित क्षेत्र में प्रदेश की मंडी समितियां ले सकेगी शुल्क
देहरादून। उत्तराखंड में लगभग 14 महीने के बाद फिर कृषि उत्पाद मंडी विकास एवं विनियमन पुनर्जीवित अधिनियम (एपीएमसी) लागू हो गया है। शासन ने इस अधिनियम को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। अब बिना लाइसेंस के फल-सब्जी का कारोबार नहीं किया जाएगा। साथ ही मंडी समितियां अधिसूचित क्षेत्र में मंडी शुल्क वसूल सकेंगी।
सचिव कृषि आर. मीनाक्षी सुंदरम ने उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी (विकास एवं विनियमन) पुनर्जीवित अधिनियम की अधिसूचना की है। 14 महीने के बाद फिर से प्रदेश में फल सब्जी, लकड़ी, अनाज के थोक कारोबार के लिए एपीएमसी एक्ट लागू हो गया है। प्रदेश सरकार ने केंद्र के कृषि बिलों के आधार पर अक्तूबर 2020 में उत्तराखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (प्रोत्साहन एवं सुविधा) अधिनियम (एपीएलएम) लागू किया जिससे को लागू किया था। जिससे एपीएमसी एक्ट समाप्त हो गया था। एपीएलएम एक्ट लागू होने से मंडी परिसर के बाहर फल, सब्जी, लकड़ी, अनाज के कारोबार पर मंडी शुल्क खत्म किया गया।
लाइसेंस की व्यवस्था को भी समाप्त किया गया था। साथ ही मंडी समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को चुनाव के माध्यम से चुनने की व्यवस्था की गई थी। केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि बिलों का वापस लेने के बाद प्रदेश सरकार ने शीतकालीन सत्र में एपीएमसी पुनर्जीवित विधेयक पारित किया।
शासन की ओर से जारी एपीएमसी अधिनियम की अधिसूचना के मुताबिक मंडी समितियों अपने अधिसूचित क्षेत्र में मंडी शुल्क ले सकेगी। बिना लाइसेंस के फल-सब्जी का कारोबार करने पर मंडी समितियों की ओर से कार्रवाई की जाएगी।