*राजभवन के आदेश पर शासन तीन- चार महीने तक नहीं करता कार्रवाई ! *शासन के आदेशों का मातहत अधिकारी 2-2 साल तक नहीं देते जवाब ! *अनुस्मारक पर अनुस्मारक भेजने पर भी नहीं होती कार्रवाई ! *जनता जब अपने पत्रों को खोजती है, तब जाकर होती है कार्रवाई शुरू !
विकासनगर -जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि उनके शिकायती पत्र/ मांग पत्रों पर कार्रवाई तो दूर, विभागों में पत्र ढूंढे नहीं मिलते ! कई बार व्यक्तिगत प्रयास से एवं खोजबीन करने के बाद पत्र मिलता है, तो तब जाकर कहीं कार्रवाई शुरू होती है |
नेगी ने कहा कि शासन के अधिकारियों में राजभवन का खौफ लगभग समाप्त हो चुका है, जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजभवन द्वारा शासन को संदर्भित पत्र पटल पर पड़े-पड़े दम तोड़ रहे हैं तथा जब पीड़ित पक्ष अपने पत्रों की व्यक्तिगत रूप से खोजबीन करता है तब जाकर पत्रावली मूवमेंट करती है !कमोवेश यही हाल विभागीय अधिकारियों का है, जो शासन के पत्रों पर कार्रवाई तो दूर, उनको खोजने की जहमत तक नहीं उठाते | कई मामलों में विभागीय अधिकारी 2- 2 साल बीत जाने पर भी आख्या तक उपलब्ध नहीं कराते |कई बार शासन इतना लाचार हो जाता है कि अनुस्मारक पर अनुस्मारक भेजने के बाद भी जवाब नहीं मिलता !
नेगी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर ऐसा ही होता रहा तो जनता को न्याय कैसे मिलेगा ! पत्रकार वार्ता में- विजय राम शर्मा, भीम सिंह बिष्ट व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे |