देहरादून: स्कूल वाहनों पर लगेगी लगाम, कड़े नियम जल्द होंगे लागू

देहरादून: स्कूल वाहनों पर चलेगी सख्ती, तैयार हो रही “सेफ स्कूल बस पॉलिसी”
देहरादून। स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा अब और भी पुख्ता होने जा रही है। सरकार जल्द ही एक सख्त और प्रभावी ‘सेफ स्कूल बस पॉलिसी’ लागू करने की तैयारी में है। इस नीति के तहत अब स्कूल बस, वैन और ऑटो जैसे वाहनों के संचालन पर कड़ी नजर रखी जाएगी। केवल उन्हीं वाहनों को स्कूल सेवाओं के लिए हरी झंडी मिलेगी, जो सुरक्षा और सुविधा के सभी तय मानकों पर खरे उतरेंगे।
परिवहन सचिव बृजेश कुमार संत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे दूसरे राज्यों की व्यवस्थाओं का अध्ययन करते हुए एक मजबूत और व्यावहारिक नीति तैयार करें। इस दिशा में संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह के अनुसार विभाग ने काम शुरू कर दिया है और जल्दी ही नियम लागू कर दिए जाएंगे।
वर्तमान स्थिति: खतरे की घंटी
राज्य में फिलहाल करीब 1500 से 2000 स्कूल बसें तो हैं, लेकिन बड़ी संख्या में निजी ऑटो, ई-रिक्शा और वैन भी बच्चों को लाने-ले जाने में लगे हैं। इनमें से अधिकतर वाहनों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है, जिससे बच्चों की जान जोखिम में रहती है।
प्रस्तावित नियम: अब बिना सुरक्षा नहीं चलेगा कोई वाहन
वाहनों के लिए मानक:
- हर वाहन की फिटनेस और प्रदूषण जांच होगी अनिवार्य।
- सभी स्कूल वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा तय की जाएगी।
- तय संख्या से अधिक बच्चों को बैठाना अपराध माना जाएगा।
- बच्चों के बैग, टिफिन और पानी की बोतल रखने की उपयुक्त व्यवस्था होनी चाहिए।
- खुले दरवाजों वाले वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
- हर वाहन में फर्स्ट-एड किट और अग्निशमन यंत्र अनिवार्य होंगे।
ड्राइवरों के लिए सख्त नियम:
- अनुभव और सुरक्षित ड्राइविंग इतिहास वाले ड्राइवर ही स्कूल वाहन चला सकेंगे।
- शराब पीकर ड्राइविंग या नियम तोड़ने पर लंबी अवधि के लिए लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जाएगा।
- सभी ड्राइवरों के लिए समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स करना अनिवार्य होगा।
तय हो सकता है किराया भी
स्कूल वाहन किराए को लेकर भी बड़ा फैसला संभव है। फिलहाल राज्य में कोई निर्धारित किराया व्यवस्था नहीं है, जिससे अभिभावकों को मनमानी कीमत चुकानी पड़ती है। परिवहन विभाग अब दूरी के आधार पर मानक किराया तय करने पर विचार कर रहा है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
निष्कर्ष:
सरकार की यह पहल न केवल बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि स्कूल वाहन प्रणाली में अनुशासन और पारदर्शिता भी लाएगी। जल्द ही देहरादून समेत पूरे उत्तराखंड में स्कूल वाहन संचालन के लिए नए युग की शुरुआत होने जा रही है।