You dont have javascript enabled! Please enable it! गांव में पहली बार पहुंची सड़क तो खुशी से झूमे ग्रामीण, चालको को पहनाई फूलों की माला - Newsdipo
July 22, 2025

गांव में पहली बार पहुंची सड़क तो खुशी से झूमे ग्रामीण, चालको को पहनाई फूलों की माला

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Rudraprayag Road Conditions: आजादी के बाद से पहली बार रोड पहुंची गांव तक तो झूम उठे ग्रामीण, वाहन चालकों का क्य भव्य स्वागत

अगर उत्तराखंड के सड़क मार्गों की बात करें तो अलग राज्य गठन के बावजूद आज भी कई पर्वतीय इलाके ऐसे हैं जहां ग्रामीणों कोअपने रोजमर्रा के सामान के लिए क‌ई किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। ग्रामीणों की सड़क सेवा बदहाली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब भी ऐसे गांवों में सड़क निर्माण के पश्चात पहली बार कोई गाड़ी पहुंचती हो तो वर्षों से सड़क की राह देख रहे ग्रामीण खुशी से झूम उठते हैं। आज ऐसी ही एक खबर आज राज्य के रुद्रप्रयाग जिले के कालीमठ घाटी के ब्यूंखी गांव से सामने आ रही है। बता दें कि आजादी के बाद से ब्यूंखी गांव पहली बार यातायात से जुड़ गया है । बताते चलें कि जीप एवं टैक्सी गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों एवं वाहन चालकों को फूल की माला पहनाकर अपनी खुशी जाहिर की। इसके साथ ही ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई सिंचाई खंड जखोली के अधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के रुद्रप्रयाग जिले के कालीमठ घाटी के ब्यूंखी गांव मे आजादी के बाद से पहली बार सड़क पहुंचने पर ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बता दें कि मोटरमार्ग निर्माण के होने से कुणजेठी तथा ब्यूंखी गांव के ग्रामीणों को यातायात सुविधा का लाभ मिला है। बताते चलें कि ब्यूंखी गांव के यातायात से जुड़ने से जहां सिद्धपीठ कालीशिला तीर्थ के पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होगा, वही इसके साथ ही गांव में होम स्टे योजना को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस मोटर मार्ग पर अभी बस का ट्रायल होना बाकी है।बेडूला-कुणजेठी-ब्यूंखी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य पिछले वर्ष 22 जनवरी से शुरू किया गया था। पहले कालीमठ-कालीशिला पैदल ट्रैक 6 किमी था, लेकिन ब्यूंखी गांव के यातायात से जुड़ने के बाद से अब पैदल ट्रैक मात्र दो किमी रह गया है।

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