–गर्म पानी के दोनों कुंडों में मलबा भर गया
-यमुनोत्री मंदिर को जाने वाले पुल की दीवार और मुख्य रास्ता भी बहा, एक पुलिया भी बही
-वीआईपी रुम और पंडितों की रसोई भी बही
– जानकीचट्टी में 03 खच्चर और एक मोटरसाइकिल बही
बड़कोट। सप्तऋषि क्षेत्र में देर रात बादल फटने से यमुनोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के अंतिम पड़ाव जानकी चट्टी में भारी नुकसान हुआ है।यमुना में आई बाढ़ से यमुनोत्री धाम में गर्म पानी के दोनों कुंडों में मलबा और पत्थर भर गए हैं। यमुनोत्री मंदिर जाने वाले पुल की दीवार और मुख्य रास्ता बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। साथ ही वीआईपी रुम और पंडितों की रसोई भी बह गई है। एक पुलिया भी बह गई है। यमुनोत्री धाम में पुजारी महासभा के यमुना नदी के किनारे के कक्ष क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा street light भी क्षतिग्रस्त हुई है तथा मंदिर का जनरेटर भी बहा है।
जानकीचट्टी में 03 खच्चर और एक मोटरसाइकिल बह गई। जानकीचट्टी पार्किंग के नीचे का कटाव एवं शुभम प्लेस होटल के आगे रोड के दीवार क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस टीम मौके पर मौजूद है।
सप्तऋषि क्षेत्र में बादल फटने से यमुना नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। रात 12 बजे जानकीचट्टी में बनी पार्किंग तक पानी पहुंच गया। पार्किंग में खड़ी गाड़ियाँ पानी और मलबे में आधी- आधी डूब गई। पार्किंग में सो रहे मजदूरों ने किसी तरह भाग कर जान बचाई। प्रशासन ने रात में ही यमुना नदी के किनारे हनुमान चट्टी, स्याना चट्टी और खरादी आदि स्थानों पर माइक से अनाउंसमेंट कर लोगों को सतर्क किया ।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने नुकसान का जायजा लेने और तात्कालिक रुप से आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए उपजिलाधिकारी बड़कोट सहित संबंधित विभागों को मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार तहसीलदार बड़कोट के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्र में पहुंच चुकी है।
एसडीआरएफ, पुलिस तथा प्रशासन के कार्मिको ने जानकीचट्टी क्षेत्र में नदी के तटवर्ती क्षेत्र के भवनों को रात में ही खाली कराकर प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया था। यमुना नदी के आस पास के किनारे राणा चट्टी, हनुमान चट्टी, स्याना चट्टी, पाली गाड़ में पुलिस संचार माध्यम से रात्रि में ही लोगों को सतर्क कर दिया गया था।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थान डाबरकोट, बनास व हनुमानचट्टी पर बाधित हुआ था। बनास में कार्य प्रगति पर है अन्य दो जगह पर मार्ग यातायात सुचारु किया जा चुका है।