कर्ज में डूबी ये कंपनी, अब ग्रुप के कई शेयरों की ट्रेडिंग हुई बंद, कंगाल हुए निवेशक, 92% तक का नुकसान
पिछले कुछ कारोबारी दिन से अनिल अंबानी और किशोर बियानी के रिलायंस समूह (Reliance group) और फ्यूचर ग्रुप (Future group) की लिस्टेड कंपनियों की ट्रेडिंग नहीं हो रही है।
Delisted stocks- पिछले कुछ कारोबारी दिन से अनिल अंबानी और किशोर बियानी के रिलायंस समूह (Reliance group) और फ्यूचर ग्रुप (Future group) की लिस्टेड कंपनियों की ट्रेडिंग नहीं हो रही है। ये वो कंपनी है जिसमें पैसे लगाने वाले एक समय पर मालामाल हो गए थे लेकिन अब इन शेयरों ने अपने निवेशकों को कंगाल कर दिया है। ये शेयर हैं- रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital), रिलायंस नवल एंड इंजीनियरिंग (Reliance Naval and Engineering), फ्यूचर रिटेल (Future Retail)। इन तीनों शेयरों ने अपने निवेशकों को तगड़ा नुकसान कराया है। आइए जानते हैं डिटेल में..
फ्यूचर रिटेल- दिवालियापन से गुजर रही फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल के शेयर 10 अक्टूबर से ही BSE-NSE पर कारोबार नहीं कर रहे हैं। यानी इस शेयर की ट्रेडिंग बंद कर दी गई है। फ्यूचर रिटेल के शेयर लास्ट 3.60 रुपये पर बंद हुए थे। यह शेयर ने इस साल अब तक अपने निवेशकों को 92% से ज्यादा का नुकसान करा दिया है।
रिलायंस कैपिटल- रिलायंस कैपिटल में सितंबर महीने से ही ट्रेडिंग नहीं हो रही है। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस दिवालियापन से गुजर रही है इसके चलते इसकी ट्रेडिंग बैन कर दी गई है। रिलायंस कैपिटल के शेयरों की जब डी-लिस्टिंग हुई थी तब शेयर का भाव 16.19 रुपये था। हालांकि, अब शेयर डीमैट में डेबिट कर दिए गए हैं। बता दें कि इससे पहले रिलायंस नवल एंड इंजीनियरिंग के शेयरों में भी ट्रेडिंग रोकी गई थी, जो अब तक बरकरार है। रिलायंस कैपिटल के शेयर ने पांच साल में 97.73% का नुकसान कराया है। वहीं, इस साल रिलायंस कैपिटल के शेयर शून्य रिटर्न दिया है।
कब होती है शेयरों की डी-लिस्टिंग
आमतौर पर डी-लिस्टिंग तब होता है जब कोई कंपनी अपने संचालन को रोक देती है या मर्जर, विस्तार या पुनर्गठन करना चाहती है। जो कंपनी नियमों का सही पालन नहीं करती है या दिवालिया प्रक्रिया में होती है तब भी ट्रेडिंग पर रोक लगती है।