You dont have javascript enabled! Please enable it! आईएफएफआई ने प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी को 'फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर' पुरस्कार से सम्मानित किया - Newsdipo
December 24, 2024

आईएफएफआई ने प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी को ‘फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित किया

0
1C5QS

‘’एक आसमान कम होता है, और आसमान मंगवा दो…..” प्रसिद्ध गीतकार और रचनात्मक लेखक श्री प्रसून जोशी ने गोवा में 52वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के समापन समारोह में’इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने, यह बात कही।

श्री प्रसून जोशी को यह पुरस्कार सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर द्वारा सिनेमा, लोकप्रिय संस्कृति और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण कलात्मक कार्यों में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया।

इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि भारत की विविधता बेहद अद्भुत है, श्री जोशी ने कहा कि यदि सभी वर्गों के लिए अपनी कहानियों को बताने के लिए कोई मंच नहीं होगा, तो भारत की समृद्ध विविधता उनके सिनेमा में नहीं दिखाई देगी। उन्होंने इस वर्ष की ‘75 क्रिएटिव माइंड्स इनीशियेटिव’ के माध्यम से ऐसा मंच प्रदान करने के प्रयास के लिए आईएफएफआई की सराहना की।

फिल्मों में अपने भावपूर्ण और प्रेरक गीतों, शानदार टीवी विज्ञापनों और सामाजिक रूप से प्रासंगिक कहानियों के लिए व्यापक रूप से जाने जाने वाले, श्री जोशी, पद्म श्री से सम्मानित किए जा चुके हैं और कई अन्य राष्ट्रीय पुरस्कारों के विजेता हैं। उन्होंने युवा और नवोदित फिल्म निर्माताओं को भ्रम की स्थिति को संजोने और उसका जश्न मनाने के लिए प्रोत्साहित किया। गीतकार ने कहा, “युवा मस्तिष्कों को भ्रम की स्थिति का जश्न मनाना शुरू कर देना चाहिए। भ्रम, विचारों की उत्पत्ति के लिए बेहतरीन अवस्था है, यह असुविधाजनक भी है, लेकिन भ्रम की इसी स्थिति में सर्वश्रेष्ठ विचारों का जन्म होता है।”

उन्होंने उभरते फिल्मकारों को इस बात को लेकर आगाह किया कि अच्छे सिनेमा का कोई शॉर्टकट नहीं होता है, इसलिए फिल्मकारों को यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि वे शॉर्टकट से कुछ हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माण में सफलता डिजाइन से हासिल होनी चाहिए, न कि संयोग से।

अपनी शुरुआत साधारण पृष्ठभूमि से होने की बात करते हुए, जोशी ने यह पुरस्कार अपने गृहनगर उत्तराखंड को समर्पित किया। उन्होंने कहास “मैं एक छोटे से कस्बे अल्मोड़ा का रहने वाला हूं। छोटे कस्बे से आने वाले किसी व्यक्ति के लिए सिनेमा की दुनिया से रूबरू होना बहुत मुश्किल है। मैं इस पुरस्कार को उत्तराखंड के पहाड़ों को समर्पित करता हूं, जहां से मुझे प्रेरणा मिली।”

प्रसून जोशी ने 2001 में राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘लज्जा’ के साथ एक गीतकार के रूप में भारतीय सिनेमा में प्रवेश किया, और तब से वह ‘तारे ज़मीन पर’, ‘रंग दे बसंती’, ‘भाग मिल्खा भाग’, ‘नीरजा’, ‘मणिकर्णिका’, ‘दिल्ली 6’ और कई अन्य फिल्मों का हिस्सा रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित विज्ञापन पेशेवर होने के अलावा, जोशी इस समय दुनिया की सबसे बड़ी विज्ञापन कंपनियों में से एक, मैककैन वर्ल्डग्रुप के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के चेयरमैन हैं। उन्होंने कानलायंस इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ क्रियेटिविटी में पुरस्कार और वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम केयंग ग्लोबल लीडर सहित कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते हैं। वह केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष भी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *